कभी-कभी हमारे मन में बहुत ज्यादा निगेटिव थॉट आने लगते हैं। जिससे हमारा मन विचलित हो जाता है,और हमारे जीवन में निराशा की एक लहर आ जाती है। उस समय में हमें समझ नहीं आता कि हमें क्या करना है। आज इसी समस्या का समाधान इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके सामने लेकर आए हैं। जिसमें आपको कुछ तकनीक के बारे में जानकारी दी गई है जिसकी मदद से आप अपने दिमाग में आने वाले निगेटिव थॉट से निजात पा सकते हैं।
अपने निगेटिव थॉट्स पर ध्यान दें
जब आपके मन में कोई ऐसा विचार आता है, जो बहुत ज्यादा निराशाजनक है, तो आप उसे दबाने की कोशिश करते हैं, या आप यह सोचते हैं, कि यह थॉट ना आए। जबकि आपको उसी पर ध्यान देना है, और देखना है, कि यह थॉट कहां से आया है, और क्यों आया है, जैसे की आप एक अलग व्यक्ति हैं, और जिसके दिमाग में यह विचार आ रहे हैं, वह कोई और अलग व्यक्ति है। जब आप इस नजरिए से अपने निराशाजनक विचारों को देखते हैं, तो आपको उसको समझने में काफी मदद होती है।
गहरी सांस ले
जब हमारे दिमाग में बहुत सारे विचार एक साथ आते हैं, या निराशाजनक विचार बहुत ज्यादा तादात में आने लगते हैं, तो हमारी सांसों की गति भी बढ़ जाती है। सबसे पहले आपको इस बात पर विचार करना है, कि आपकी सांस गहरी होनी चाहिए। आपको अपनी सांसों पर ध्यान देना है, और गहरी सांसें लेनी है। जिससे कि आपको एक अलग प्रकार की शांति मिलती है, और निराशाजनक विचारों को समझने में भी मदद होती है।
प्रतिदिन मेडिटेशन करें
आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने लिए समय ही नहीं मिलता है। जिसके चलते वह अपने भूत और भविष्य की चिंता करते रहते हैं। आपको अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करना है। चाहे वह मेडिटेशन का समय 5 मिनट का ही क्यों ना हो। मेडिटेशन से आपके दिमाग में चल रही हलचल को राहत मिलती है, और आप ज्यादा फोकस कर पाते हैं, और दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने लगते हैं।
टहलने के लिए जाएं
अब जब भी आपके मन में बहुत ज्यादा निराशाजनक विचार आए, तो आप थोड़े समय के लिए अपने घर से बाहर टहलने के लिए निकल जाएं, और उन चीजों पर फोकस करें, जिन पर अभी तक आपने कभी ध्यान भी नहीं दिया था। जैसे कि चलते समय आपके पैरों में कैसी सेंशन हो रही है। आसपास की हवा को महसूस करें। आसपास से आने वाली आवाजों को सुने। आप देखेंगे कि आपका मन शांत होने लगेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे।