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गौरी शंकर रुद्राक्ष और उसके फायदे

गौरी शंकर रुद्राक्ष और उसके फायदे

कुछ रुद्राक्षों को उनकी मुखी यानी कि उसमें पड़ी लाइनों के आधार पर परिभाषित नहीं किया जाता बल्कि उनकी बनावट के आधार पर परिभाषित किया जाता है। जिनमें से गौरी शंकर रुद्राक्ष भी एक है। इसकी बनावट को देखकर ऐसा लगता है जैसे दो रुद्राक्षों को जोड़कर एक रुद्राक्ष बनाया गया हो। जबकि ये रुद्राक्ष प्राकृतिक रुप से एक दूसरे से जुड़े होते हैं, जैसे एक जिस्म दो जान हों। इसके ठीक बीचो बीच दो छेद भी पाये जाते हैं, जो कि प्राकृतिक ही होते हैं। ये रुद्राक्ष बहुत अधिक रेयर केटेगरी में तो नहीं आते पर मिडियम रेयर जरुर हैं।

भगवान शिव और माता पार्वती को दर्शाता है गौरी शंकर रुद्राक्ष

ये रुद्राक्ष भगवान शिव और माता पार्वती को दर्शाता है। जैसे ब्रह्मांड में प्रत्येक जीव में पुरुष और स्त्री पाये जाते हैं। ये रुद्राक्ष भी उसी तथ्य को परिभाषित करता है।

किसे पहनाना चाहिये गौरी शंकर रुद्राक्ष

जैसे कि अभी हमने जाना कि ये पुरुष और स्त्री को दर्शाता है। इसलिये ये उन लोगों के लिए बहुत कारगर है जिनके रोमान्टिक पार्टनर से हमेशा लड़ाई होती रहती है। पति- पत्नि में आपस में कलह हो या जो शादी शुदा नहीं हैं पर रिलेशनशिप में हैं और अधिकतर लड़ाईयां होती रहती हैं। ये उन लोगों के लिये भी बेहतर काम करता है जिनके कुडंली में सातवां घर खराब है। एक बात यहां ध्यान देने योग्य है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष तभी अच्छा असर करता है जब इसे लड़का और लड़की दोनो धारण करें। किसी एक के पहनने से ये उतना अधिक असर कारक नहीं होता।

गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के फायदे

शास्त्रो के अनुसार इसे चन्द्रमा से जोड़ा जाता है। ये आपकी इडा और पिंगला नाड़ी को वेलेनस करता है। ये चन्द्रमा कि तरह आपके पारवारिक जीवन में शांति और सम्रद्दी लाता है। पति-पत्नि के आपसी मतभेद को कम करता है और उनमें प्यार का संचार करता है। आपके मानसिक तनाव को कम करता है शादी शुदा जीवन को खुशहाल बनाता है।

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