हमारे देश में हजारों वर्षों से मेडिटेशन को किया जाता रहा है। ये ऐसी प्रक्रिया है जिससे मनुष्य का शरीर और दिमाग दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। अगर आप सुबह 10 मिनट के लिए भी मेडिटेशन करते हैं, तो आप दूसरे लोगों से अधिक तरोताजा दिखेंगें। आइये जानते हैं कि मेडिटेशन करने से आपके शरीर और दिमाग पर कौनसे सकारात्मक प्रभाव होते हैं।
कारटिसोल लेवल कम होना
कारटिसोल हमारे शरीर में पाया जाने वाला स्ट्रेस हारमोन है, जो कि हमारे दिमाग में स्ट्रेस को बढ़ाता है। मेडिटेशन करने से कारटिसोल का लेवल कम होता है। जिससे कि हमारे दिमाग को शांति मिलती है। हम कम स्ट्रेस फील करते हैं और विषम परिस्थितियों में भी जल्दी परेशान नहीं होते।
फोकस का बढना
आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लगभग सभी लोगों का स्पेन टाइम कम हो गया है। स्पेन टाइम का मतलब आप एक जगह कितनी देर तक फोकस कर पा रहे हैं। रील्स और शॉर्टस् के आने के बाद तो लोगों का स्पेन टाइम न के बराबर रह गया है। इससे निजात पाने के लिए मेडिटेशन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। मेडिटेशन से आप एक जगह पर फोकस करना सीखते हैं। मेडिटेशन आपको वर्तमान में रहना सिखाता है। जिससे आप किसी भी काम को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
पोजिटिव एटिट्यूड
रेगुलर मेडिटेशन करने से आप ज्यादा खुश रहते हैं जिससे आप जिंदगी को एक अलग नजरिये से देखते हैं। लाइफ को लेकर आपका एटिट्यूड पोजिटिव हो जाता है। यो आपमें इमोशनल स्टेविलिटी भी लाता है।
मेंटल क्लेरिटी
जितना अधिक मेडिटेशन आप करेंगे उतना ही ज्यादा आपका दिमाग शार्प होगा। आप अपने थॉट्स को देख पायेंगे कि आप कब क्या सोच रहे हैं, इससे आप दिमाग को क्लियर रख पायेंगे।
बेहतर स्लीप क्वालिटी
आज हर तीसरा व्यक्ति सही से नींद नहीं ले पा रहा है। कारण हे उसका दिमाग दिमाग में इतनी उलझन है रात दिन न जाने कैसे -कैसे थॉट्स आते हैं। अगर आप मेडिटेशन करते हैं तो आपका दिमाग शान्त रहने लगता है और आपको गहरी और अच्छी नींद आने लगती है। नींद अच्छी आने से आपके जीवन के और भी काम अच्छी तरह से होने लगते हैं।
ब्लड प्रेशर का स्तर कम करना
अगर आप प्रतिदिन मेडिटेशन करते हैं, तो यह आपके शरीर में ब्लड प्रेशर स्तर को मैनेज करता है। जिससे आपका शरीर रिलेक्स रहता है, और शरीर पर पड़ने वाला स्ट्रेस कम होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना
रेगुलर मेडिटेशन करने से आपका इम्यून सिस्टम भी रिलेक्स होता है। जिससे कि आपके शरीर की रोग प्रतिरेधक क्षमता बढ़ती है। आप जल्दी बीमार नहीं होते। इसके साथ ही आप दिल से जुड़ी बिमारी से भी बहुत हद तक निजात पा लेते हैं।